माँ पापा ने देखा जिसे मेरी आँखों के सहारे!!
कैसे पुरे हो .........
मेरी खुशी की खातिर
जिसने अपना सब कुछ कुर्बान किया !!
कैसे भूल सकता हु मैं
हर कदम पे जिनका साथ मिला
एक फूल जब बगिया में उनके खिला
जब मैं इनके जिन्दगी मे आया
घर में मेरी आने की खुशी में
सबने उत्सव मनाया !!
कहा सभी ने तुम तो हो मेरे आँखों के तारे !!
बिन तुम्हारे यह जिन्दगी सुना है मेरे प्यारे
कैसे पुरे हो सपने हमारे !!
समय चलता रहा
वक्त के साथ मैं भी बढ़ता रहा !!
पहले तो गिरा बाद में सम्भलता गया !!
धीरे धीरे कुंदन की तरह निखरता गया !!
अब तो आँखों में चमक है
और खुशी छुपी है जिनके हमारे !!
कैसे पुरे हो सपने हमारे !!
बनुगा उनके हर दुःख सुख का सहारा !!
उनके जिन्दगी को मिलेगा एक किनारा !!
बहोत दुःख झेले है मेरी खातिर !!
अब कोई और दुःख आए उनकी तरफ़ यह अब न होगा मुझे गवारा !!
मैं पुरे करूँगा आपके सपने सारा !!
मेरी तो रब से है यही कामना
की पुरी हो उनकी हर आरजू और मनोकामना
वादा किया है मैंने ख़ुद से
ना दूर जाने देंगे कभी उनको अपने इश दिल से
क्यू की मिलते है खुदा मम्मी पापा के रूप में बड़ी मुश्किल से !!
जिन्होंने ने मुझे इश जमी पे लाया
और मेरे जीवन को सवारा
पुरा करूँगा हर एक सपना तुम्हारा !!
1 comment:
वाह ..साथी क्या खूब लिखते हो
तुम्हारा लिखा दिल को छु जाता है
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