Tuesday, December 16, 2008

बनते है सदी में रिश्ते


बनते है सदी में रिश्ते
एक पल में टूट जाते है

हमसफ़र का साथ
अक्सर राहो में छूट जाते है.
एक एक जोड़कर सपने हम सजाते है

इश खली दिल में उनके प्यार का आशिया हम बनाते है

प्यार का वास्ता देकर
एक पल में वो लूट जाते है.
ये रिश्ते एक पल में टूट जाते है

टूट कर गम हमें दे जाते है

अब तक खिलोनो से खेलता रहा था मैं

अब तो दिल से खेलना सुरु कर दिया
किसी से जोड़ा तो किसी से तोडा
बनाया था अक्स बिस्वास का
उशे एक ही पल में तोडा !!
टूटे हुई काच को जो जोड़ने चला मैं !!

जुड़ते जुड़ते टूटने के निशा उस्ने छोड़ा
!!
रिश्ते बनते है सदी में
एक पल में टूट जाते है !!
कभी उनके प्यार पाने को तरसा था मैं !!

कई रात उनके यादो में सोया नही था मैं !!

पाई जब मोहबत उनकी
रही ना बाकि कोई हसरत मेरी !!
एक बार फिर से फिसल गए वो मेरी हाथो से
फर्स पे !!
कल तक थे वो अर्श्पे पे आज बिखरे है फर्स पे !!
जिन्दगी की यही सचाई है
कही कही यह है बहोत बुरी
तो कही अपने प्यार से इश दुनिया को जन्नत बनाई है
दूर होकर भी दिल को वो तडपा जाते है !!

यह प्यार के रिश्ते एक पल में टूट जाते है !!
प्यार को बनावो तुम अपनी ताकत
तुम्हारे चाहत से जिन्दा रहे ये मुहबत
मेरी बाते है बड़ी कड़वी, जो दिल को चोट दे जाती है
यह जुबा भी दी है दुनिया की
जिसने घोला मेरी जिन्दगी में जहर !!
अब तो आस्क भी आँखों तक आते ही सुख जाते है
यह रिश्ते ना जाने क्यू एक पल में टूट जाते है !!

2 comments:

ρяєєтii said...

YEh Rishta na jaane kyu ----

Bahot khub Pankaj, bahot sahajta se keh de puri baat ...

Unknown said...

wah
bahut achha aur dard se sarobar likhe hai.
aapke likhe se kuch pankti yaad aa gai.


KASMO KO YAHA DAM TODTE DEKHA
WADO KO KHILAFAT JATE DEKHA
JISS TASVIR MAI RANG BHARNE KO SAB KUCH LUTA DIYA
AAJ USI TASVIR KO RANG BADALTE DEKHA.