Friday, January 16, 2009

प्यार तो हो गया है


कल जब मिले थे तो लगा ऐसे
के मिल गया मुझे सारी ख़ुशी
जब आज बिछडे हो तो लगा ऐसे
जैसे यह ख़ुशी ना थी मेरी कभी
उ क्यू अकसर होता है...
कोई मिलता है तो कोई खोता है.
नाराज़गी में जाने क्या कुछ हम कह जाते है...
और बाद में यह दिल उस बात को याद करके रोता है !!
ये ना मैं जानू या ना तुम.
ना जाने किसी चाह में है हम गम...
यु तो कुछ भी स्थाई नही होता इस जग में.
फिर भी क्यू तुम्हे पूरी तरह से पाना चाहते है !!
हो तुम किसी और की अमानत
फिर भी क्यू इस दिल पे इतना जुल्म ढाते है !!
ना जाने कौन सी बात जो मेरे दिल को भा गयी
यह सोच कर के तुम ना मिलोगे मुझे कभी भी
और यह प्यार भी है तुम्हारा किसी और के लिए
मेरे आँखों में आंसू गए !!
दिल तो तुम्हे सदा खुश देखना चाहे
पर दुःख सदा हमारे साथ चलते है !!
जब जरुरत होती है आपकी मेरी जिन्दगी में
तो यह सूनापन ना जाने क्यू मेरी राह तकते है. !!
मेरी सुनी जिन्दगी का आगाज़ हो गया है !!
आप मिलो या ना मिलो
पर आपसे प्यार तो हो गया है .!!
कल जब मिले थे तो लगा ऐसे
के मिल गया मुझे सारी ख़ुशी
जब आज बिछडे हो तो लगा ऐसे
जैसे यह ख़ुशी ना थी मेरी कभी !!

2 comments:

Anju (Anu) Chaudhary said...

बहुत खूब लिखा है..... ..
किसी को खोने दर्द तुम्हारी कविता मे
झलकता है साथी.....अपने दर्द मे भी ख़ुशी की तलाशा करो
वोह मिलेगी...

Unknown said...

KISI KO CHANE AUR FIR USKE BICHADNE KE KHUSHI AUR DARD KO BAHUT ACHHE SE SHABD DIYE HAIN AAP.
BAHUT KHUB